tag:blogger.com,1999:blog-7856819034099716220.post1123371135427543422..comments2022-11-22T16:50:54.468+05:30Comments on ...भोजपुरी शकुन्तला: शकुन्तला और दुष्यंत की प्रेमकथा भोजपुरी भाषा मेंडॉ ईश्वर चन्द्र त्रिपाठीhttp://www.blogger.com/profile/08327216584798583844noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-7856819034099716220.post-60948704110175303092010-12-09T08:34:41.783+05:302010-12-09T08:34:41.783+05:30अच्छी रचना , बधाईअच्छी रचना , बधाईशिवाhttps://www.blogger.com/profile/14464825742991036132noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7856819034099716220.post-8521802785518349232010-10-02T19:54:27.113+05:302010-10-02T19:54:27.113+05:30अभी इधर उधर के छोटे स्कूलों और चिल्ड्रेन कॉलेज से ...अभी इधर उधर के छोटे स्कूलों और चिल्ड्रेन कॉलेज से होते हुए इलाहाबाद यूनिवर्सिटी तक का सफर हुआ है.. देखें ये रास्ते मुझे और कहाँ ले जाते हैं..<br />शकुन्तला और दुष्यंत की प्रेमकथा भोजपुरी भाषा में.., ऐसा सुनकर पढ़ने की इच्छा हुई है.. देखे कब पूरी होती है..Manishhttps://www.blogger.com/profile/01119933481214029375noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7856819034099716220.post-16742101333132295552010-10-02T19:41:38.206+05:302010-10-02T19:41:38.206+05:30बहुत दिनों बाद मुझे आज़मगढ़ से कोई ब्लागर मिला.. व...बहुत दिनों बाद मुझे आज़मगढ़ से कोई ब्लागर मिला.. वो भी दुर्गा जी की छत्र छाया तले हमने अपने बचपन के कुछ पल जिये हैं.. <br />कक्षा ६ में पहली बार मेरे पापा ने मेरा दाखिला वहाँ (श्री दुर्गा जी स्नातकोत्तर महाविद्यालय) करवाया था शायद उनका कोई मित्र वहाँ अध्यापक था.. वही मुझे छोड़ आये थे लेकिन २-३ महीनों बाद मैं वहाँ से लौट आया लेकिन आज भी वो दुर्गा जी का मन्दिर याद आता है जब भी घर जाता हूँ एक बार वहाँ जरूर जाता हूँ..<br /> शायद आपके यहाँ कोई कपिलदेव पांडे जी हैं. हिन्दी या संस्कृत के अध्यापक है..<br />वो हमारे पड़ोसी है.. और शायद मुझे जानते और पहचानते भी हैं.. :)Manishhttps://www.blogger.com/profile/01119933481214029375noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7856819034099716220.post-11610383849402470002010-03-18T00:21:49.453+05:302010-03-18T00:21:49.453+05:30नव संवत्सर मंगलमय हो.
हर दिन सूरज नया उदय हो.
सदा ...नव संवत्सर मंगलमय हो.<br />हर दिन सूरज नया उदय हो.<br />सदा आप पर ईश सदय हों-<br />जग-जीवन में 'सलिल' विजय हो..Divya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7856819034099716220.post-10280104490982818532010-02-17T19:26:06.732+05:302010-02-17T19:26:06.732+05:30Bhojpuri ka apna ek alag hi andaar hai, par aajkal...Bhojpuri ka apna ek alag hi andaar hai, par aajkal ka geet sangeet ne uski garima ko thes pahunchane mein koi kor kasar nahi chhod rahi hai...<br />Bahut shubhkamnayne,..कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7856819034099716220.post-48821136572775541942010-01-06T06:03:36.111+05:302010-01-06T06:03:36.111+05:30शुभकामनाएँ..उत्तम प्रस्तुति !शुभकामनाएँ..उत्तम प्रस्तुति !sharda monga (aroma)https://www.blogger.com/profile/02838238451888739255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7856819034099716220.post-68445978567022088272009-12-24T18:51:31.846+05:302009-12-24T18:51:31.846+05:30बहुत उत्तम कार्य करने के लिये आपने कमर कसी है।
शु...बहुत उत्तम कार्य करने के लिये आपने कमर कसी है। <br />शुभकामनाएँ!!!अनुनाद सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05634421007709892634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7856819034099716220.post-14908400235932307482009-10-14T22:19:15.228+05:302009-10-14T22:19:15.228+05:30मीत गीत के
जलो दीप बन.
तिमिर पान कर
अमर रहो..मीत गीत के <br />जलो दीप बन.<br />तिमिर पान कर <br />अमर रहो..Divya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7856819034099716220.post-68069326227157288642009-09-01T16:53:02.759+05:302009-09-01T16:53:02.759+05:30अच्छी प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...अच्छी प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...कंचनलता चतुर्वेदीhttps://www.blogger.com/profile/12380457436009692667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7856819034099716220.post-43200989652162669812009-08-28T22:14:11.501+05:302009-08-28T22:14:11.501+05:30आपका प्रयास वन्दनीय है. सादर समर्पित दोहे. दिव्यनर...आपका प्रयास वन्दनीय है. सादर समर्पित दोहे. दिव्यनर्मदा.ब्लागस्पाट.कॉम से जुडें, पढें, लिखें, टीप करें. <br /><br />भोजपुरी दोहे:<br /><br />आचार्य संजीव 'सलिल' <br /><br />कइसन होखो कहानी, नहीं साँच को आँच.<br />कनके संकर सम पूजहिं, ठोकर खाइल कांच.. <br /><br />कतने घाटल के पियल, पानी- बुझल न प्यास.<br />नेह नरमदा घाट चल, रहल न बाकी आस..<br /><br />गुन अवगुन कम- अधिक बा, ऊँच न कोइ नीच.<br />मिहनत श्रम शतदल कमल, मोह-वासना कीच.. <br /><br />नेह-प्रेम पैदा कइल, सहज-सरल बेवहार.<br />साँझा सुख-दुःख बँट गइल, हर दिन बा तिवहार..<br /><br />खूबी-खामी से बनल, जिनगी के पिहचान.<br />धुप-छाँव सम छनिक बा, मन अउर अपमान..<br /><br />सहारण में जिनगी भयल, कुंठा-दुःख-संत्रास.<br />केई से मत कहब दुःख, सुन करिहैं उपहास.. <br /><br />फुनवा के आगे पडल, चीठी के रंग फीक.<br />सायर सिंह सपूत तो, चलल तोड़ हर लीक..<br /><br />बेर-बेर छटनी क द स, हरदम लूट-खसोट.<br />दुर्गत भयल मजूर के, लगल चोट पर चोट..<br /><br />दम नइखे दम के भरम, बिटवा भयल जवान.<br />एक कम दू खर्च के, ऊँची भरल उडान.. <br /><br /> *******************दिव्य नर्मदा divya narmadahttps://www.blogger.com/profile/17701696754825195443noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7856819034099716220.post-7674093657183894482009-08-07T21:51:57.004+05:302009-08-07T21:51:57.004+05:30आपका स्वागत है इस आलेखन को जारी रखिये जी
सादर
गि...आपका स्वागत है इस आलेखन को जारी रखिये जी <br />सादर <br />गिरीश बिल्लोरे मुकुल <br />http://voi-2.blogspot.com/गिरीश बिल्लोरे मुकुलhttp://voi-2.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7856819034099716220.post-62376536557026354502009-08-07T21:48:27.821+05:302009-08-07T21:48:27.821+05:30पंडित जी
वाकई उच्च कोटी का ब्लॉग हैपंडित जी <br />वाकई उच्च कोटी का ब्लॉग हैबाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.com